कृषि समाचारवायरल

Govt Schemes : महिलाओं के लिए सरकार हुई मेहरबान : मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूहों को 3584 करोड़ का बैंक लोन देने का किया ऐलान

Govt Schemes : महिलाओं के लिए सरकार हुई मेहरबान : मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूहों को 3584 करोड़ का बैंक लोन देने का किया ऐलान

Khet Tak, भोपाल, 27 अगस्त 2024 – मध्यप्रदेश में महिलाओं के स्व-सहायता समूह (SHG) ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक बदलाव की नई इबारत लिख रहे हैं। बीते पांच वर्षों में इन समूहों को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण में 12 गुना वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे न केवल महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिल रही है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में मध्यप्रदेश के 1,63,500 स्व-सहायता समूहों को सार्वजनिक, निजी, और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से कुल 3584 करोड़ रुपये का लोन मिला है। इसके अलावा, वर्ष 2012-13 से अब तक 7.09 लाख स्व-सहायता समूहों को 10,337 करोड़ रुपये का बैंक लोन दिया गया है। यह आर्थिक वृद्धि महिलाओं की कड़ी मेहनत और अनुशासन का परिणाम है, जो ग्रामीण भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बालाघाट जिले के लांजी विकासखंड के खाण्डाफरी ग्राम पंचायत का ‘आराधना आजीविका स्व-सहायता समूह’ 2017 में गठित हुआ था। इस समूह ने 2020 में 1.5 लाख रुपये का लोन लिया था, जिसे समय पर चुकाने के बाद 2021 में 3 लाख और 2022 में 6 लाख रुपये का लोन लिया। अब समूह ने 10 लाख रुपये का लोन लिया है। इस समूह की सदस्य पार्वती बूढ़ाजले ने किराना दुकान चलाने के साथ मुरमुरा बनाने का काम शुरू किया, जिससे उनकी सालाना आय 1.4 लाख रुपये तक पहुंच गई है।

सिवनी जिले के सिमरिया गांव के ‘अम्बिका स्व-सहायता समूह’ की महिलाएं भी इसी तरह से आत्मनिर्भर हो रही हैं। समूह की अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 1.5 लाख रुपये का लोन लिया और इसे चुकाकर 2021-22 में 3 लाख रुपये का दूसरा लोन लिया। अब यह महिलाएं 6 लाख रुपये के लोन से अपनी आर्थिक गतिविधियों का विस्तार कर रही हैं।

पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने इन समूहों की सफलता की सराहना की और बैंकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन समूहों की लोन वापसी दर 98.9% है, जो उनकी वित्तीय अनुशासन का प्रमाण है। श्री पटेल ने बैंकों से आग्रह किया कि वे इन समूहों को और अधिक साख सुविधा प्रदान करें, जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर गांव के सपने को साकार किया जा सके।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्व-सहायता समूहों को 303 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था, जबकि 2023-24 में यह राशि 3584 करोड़ रुपये हो गई। यह पिछले पांच वर्षों में बैंक लोन वितरण में 12 गुना वृद्धि को दर्शाता है। मध्यप्रदेश के 10 प्रमुख जिलों में सबसे ज्यादा ऋण बालाघाट, छिंदवाड़ा, और सिवनी को मिला है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button